करें बच्चे की सुरक्षा...
- बलदीप (जिनी) लांबा
ऑफिस की बिल्डिंग में कन्स्ट्रक्शन का काम चालू था ।
वहां से गुजरते समय लोहे की बहुत भारी सलाखें टूटकर धाड से, कुछ ही अंतर पर
नीचे आकर गिरीं । वह आघात इतना जोरदार था कि वे जहां पर गिरीं वहां रास्ते
पर दरारें पड गयी थी । अगर वे मुझ पर आकर गिरतीं तो मैं तो कुचल ही जाती ।
बापू ने दर्शन देते वक्त नजरों से ही मुझे अभेध कवच प्रदन किया था, जिसे
काल भी भेद नहीं सकता ।
। हरि ॐ ।
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